इस पोस्ट में क्या है?
राग दरबारी कनाडा हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का एक अत्यंत गंभीर और प्रभावशाली राग है, जिसे मुख्यतः रात्रि समय में गाया जाता है। इस लेख में आपको राग दरबारी का परिचय, आरोह-अवरोह, पकड़, वादी-संवादी, गायन समय, विशेषताएं, और एक सुंदर बंदिश के साथ सरगम नोटेशन सहित संपूर्ण जानकारी मिलेगी। साथ ही, लेख के अंत में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर भी दिए गए हैं।
Raag Darbari Parichay
Raag Darbari Kanada – आसावरी थाट से उत्पन्न हुआ है। वादी स्वर ऋषभ व सम्वादी स्वर पंचम को मन गया है। इस राग की जाती सम्पूर्ण – षाडव मानी गयी है, इसे वक्र सम्पूर्ण जाति का राग भी कहा जाता है। इस राग को मध्यरात्रि में गाया बजाया जाता हैं। इस राग की प्रकृति गंभीर है। आरोह में गांधार दुर्लभ है, इस राग में निषाद और पंचम की संगति बहुत सूंदर दिखाई देती है।
राग दरबारी आरोह अवरोह
आरोह – .नि सा रे ग रे सा , म प ध नि सां
अवरोह – सां ध नि प म प ग म रे सा
पकड़ – ग रे रे, सा ध नि सा रे सा
📖 राग दरबारी परिचय (Raag Darbari Parichay)
विशेषता | विवरण |
---|---|
थाट (Thaat) – | आसावरी |
जाति (Jati) – | संपूर्ण – षाडव |
वादी (Vadi) – | ऋषभ (Re) |
संवादी (Samvadi) – | पंचम (Pa) |
गायन समय – | मध्यरात्रि (Midnight – 12 AM) |
कृती (Nature) – | गंभीर, शांत और गंभीर भावों वाला |

🎯राग दरबारी विशेषताएँ
- राग दरबारी गंभीर प्रकृति का राग है
- ग (गंधार) और ध (धैवत) को अंदोलित किया जाता है।
- इस राग में कानड़ा अंग झलकता है, विशेषकर ग म रे सा में।
- पंचम और निषाद का सुंदर संयोग रचना को मोहक बनाता है।
- यह राग मंद गति (slow tempo) में ज्यादा प्रभावशाली होता है।
Raag Darbari notes
Raag Darbari Bandish – जो गुरु कृपा करे
स्थाई
अंतरा
Raag Darbari Taan – 16 मात्रा
- सा ー .नि सा | रे ー सा ー | .निसा रेसा .ध .नि | रे ー ー ー
- म प निध ー | नि ー प ー | म प ग ー | म रे ー ー
- सा रे ग ー | म रे ー सा | .नि सा .ध .नि | रे ー ー ー
- म प ध ー | नि ー प ー| सां ー ध ー | नि ー प ー
- म प ध ー | नि ー सां ー| नि सां रें सां | रें ー सां ー
Raag Darbari Taan – 16 मात्रा
- सां ー ध ー | नि ー प ー | म प ग म | रे ー सा ー
- सां ー नि सां | रें ー सां ー | सां रें गं ー | मं रें ー सां
🔍राग दरबारी कनाडा से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1 – Raag Darbari का परिचय क्या है?
उत्तर: Raag Darbari एक गंभीर प्रकृति का राग है जो आसावरी थाट से निकला है। इसे मध्यरात्रि में गाया जाता है और यह शांति, गहराई और गंभीरता को दर्शाता है।
प्रश्न 2 – राग दरबारी में किसका वर्णन किया गया है?
उत्तर: यह राग गहराई, भावुकता और गंभीरता के भाव प्रकट करता है। इसका उपयोग अक्सर भक्तिपूर्ण और गंभीर रचनाओं में होता है।
प्रश्न 3 – राग दरबारी में कौन-कौन से स्वर प्रयोग होते हैं?
उत्तर: इसमें कोमल गंधार (ग), धैवत (ध), निषाद (नि) और शेष सभी शुद्ध स्वर होते हैं।
प्रश्न 4 – Raag Darbari का आरोह, अवरोह और पकड़ क्या है?
उत्तर:
आरोह – .नि सा रे ग रे सा , म प ध नि सां
अवरोह – सां ध नि प म प ग म रे सा
पकड़ – ग रे रे, सा ध नि सा रे सा
प्रश्न 5 – Raag Darbari की प्रमुख बंदिश कौन सी है?
उत्तर: “जो गुरु कृपा करे” एक प्रसिद्ध बंदिश है जो राग दरबारी में गाई जाती है।
प्रश्न 6 – राग दरबारी का मुख्य विषय क्या होता है?
उत्तर: इसका मुख्य विषय गंभीरता, भावुकता और आंतरिक आत्मिक शांति है।
प्रश्न 7 – राग दरबारी का इतिहास क्या है?
उत्तर: राग दरबारी की उत्पत्ति दरबारी संगीत शैली से हुई मानी जाती है और इसे तानसेन द्वारा लोकप्रिय किया गया था। लेकिन कई विद्वान का मन्ना है की राग दरबारी की रचना तानसेन ने की है
प्रश्न 8 – राग दरबारी के रचयिता कौन थे?
उत्तर: राग दरबारी को तानसेन ने अकबर के दरबार में प्रस्तुत किया था, जिससे इसे “दरबारी” नाम मिला।
प्रश्न 9 – राग दरबारी में कौन-सा स्वर सबसे प्रमुख होता है?
उत्तर: ऋषभ (रे) इस राग का वादी स्वर है, जो इसे प्रमुखता देता है।
How To Read Sargam Notes
कोमल स्वर: कोमल (मंद) स्वरों को “(k)” या “( _ )” से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए:
- कोमल ग: ग(k) या ग
- कोमल रे: रे(k) या रे
- कोमल ध: ध(k) या ध
- कोमल नि: नि(k) या नि
नोट: आप परीक्षाओं में (रे, ग, ध, नि,) को इस प्रकार लिख सकते हैं।
तीव्र स्वर: तीव्र (तीव्र) स्वर को “(t)” या “(मे)” से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए:
- तीव्र म: म(t) या मे
स्वर को खींचना: गाने के अनुसार स्वर को खींचने के लिए “-” का उपयोग किया जाता है।
तेज़ स्वर: जैसे “रेग” लिखे हुए स्वर यह दर्शाते हैं कि इन्हें तेज़ी से बजाया जाता है या एक बीट पर दो स्वर बजाए जाते हैं।
मंद्र सप्तक (निम्न सप्तक) स्वर: स्वर के नीचे एक बिंदु (जैसे, “.नि”) मंद्र सप्तक के स्वर को दर्शाता है।
- उदाहरण: .नि = मंद्र सप्तक नि
तार सप्तक (उच्च सप्तक) स्वर: एक रेखा या विशेष संकेत स्वर को तार सप्तक में दर्शाता है।
- उदाहरण: सां = तार सप्तक सा
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