Raag Bhupali
इस पोस्ट में, हम राग भूपाली का परिचय (Raag Bhupali Parichay) प्रस्तुत करते हैं, जिसमें Raag Bhupali Notes, Raag Bhupali Taan, और एक आकर्षक राग भूपाली बंदिश (Raag Bhupali Bandish) “नमन कर चतुर शिरी गुरु चरणा” के बारे में भी जानकारी मिलेगी, जो नोटेशन के साथ पूरी होगी।
राग भूपाली का परिचय
Raag Bhupali – राग भूपाली की रचना कल्याण थाट से मानी गई है। इसमें मध्यम और निषाद स्वर वर्ज्य हैं। इसलिये इसकी जाति औडव-औडव है। वादी स्वर गन्धार (ग) और संवादी धैवत (ध) है। रात्रि का प्रथम प्रहर इसका गायन-समय है।
Raag Bhupali Aaroh Avroh
- आरोह – सा रे ग प ध सा |
- अवरोह – सा ध प ग सा |
- पकड़ – ग रे सा .ध, सा रे ग प ग रे सा |

Raag Bhupali Parichay
- थाट – कल्याण थाट
- वर्ज्य स्वर – मध्यम (म) और निषाद (नि)
- समय – रात्रि का प्रथम प्रहर
- वादी – गन्धार (ग)
- संवादी – धैवत (ध)
- जाति – आड़व – आड़व
राग भूपाली की विशेषता
- यह राग पूर्वांग प्रधान है अर्थात् इसकी चलन अधिकतर मन्द्र और मध्य सप्तको के प्रथम हिस्से में होती है। उत्तरांग प्रधान होने से राग देशकार हो जायेगा।
- इसमें ध्रुपद, बड़ा ख्याल, छोटा ख्याल और तराना गाया जाता है। इसमें ठुमरी नहीं गाई जाती।
- कुछ पुराने संगीतज्ञ इसमें प रे की संगति करते हैं, किन्तु अधिकांश संगीतज्ञ ऐसा नहीं करते।
- दक्षिण भारतीय संगीत में, जिसे कर्नाटक संगीत कहते हैं, इसे मोहन राग कहते हैं।
- न्यास के स्वर – सा, ग और प
- मिलते-जुलते राग – देशकार
Raag Bhupali Bandish – नमन कर चतुर शिरी गुरु चरणा
Raag Bhupali Notes
Sthayi
सां सां ध प | ग रे सा रे | .ध .ध सा रे | ग रे सा ~|
न म न क | र च तु र | शि रि गु रु | च र णा ~|
O | 3 | × | 2
ग ग प ध | सां ध सां सां | सां प ध प | ग रे सा ~|
त न म न | नि र म ल | क र भ व| त र णा ~|
O | 3 | × | 2
Antara
ग ग प ग | प ~ सां ध| सां सां सां सां | सां रें सां सां |
जो ई जो ई |ध्या ~ व त | शु भ फ ल | पा – व त |
O | 3 | × | 2
सां सां गं रे | सां सां प ध | सां सां सां सां| ग रे सा ~|
ज न म म| र ण दु ख | स ब नि – | स्त र णा ~|
O | 3 | × | 2

राग भूपाली तान [ 8 मात्रा ]
स्थाई
- सारे गरे गरे गरे | गप गरे गरे सा~
- सारे सा.ध सारे गप | गप गरे गरे सा ~
- सारे गप धसां धप | गरे सा.ध सारे ग~
- सारे रेसा रेग गरे | सारे रेसा रेध सा ~
अंतरा
- सांसां धप गरे सारे | गप धसां रेंध सां~
- सांरें गंरें सांरें सांध | पग पध सांरें सां~
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